टुकड़ा-टुकड़ा ख़त

  • 5.6k
  • 861

किशोर मनोविज्ञान को उकेरती यह कहानी पुरुष सत्तात्मक समाज के दोहरे मापदंडों को उजागर करती है । बिना लाउड हुए ये कहानी नारी समानता का संदेश देती है । (राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु कहानी )