अंग्रेजों के शासन काल में कृषि भूमि जमींदारों के पास थी, किसान उसमे खेती करते थे और जमींदार किसानों से मनमाना कर वसूलते थे। जिस कारण किसानों की स्थिति सदैव ही दयनीय रहती थी।