यह हमारा डर ही तो है जो हम हमेशा कहते रहते हैं हिन्दू मुस्लिम भाई भाई, जबकि सच यह है कि हम डर की वजह से मुस्लिमों को भाई बोलते हैं लेकिन आज तक कोई भी मुसलमान किसी हिन्दू को भाई नहीं समझता।