जल-समाधि

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युद्ध की विसंगतियों को चित्रित करती एक कहानी...युद्ध क्या है ! राष्ट्रवाद के उन्माद में शहादतें होती हैं, दुश्मन और दोस्त तय किए जाते हैं। कई दोस्त मिलकर कई दुश्मनों को मारते हैं। जो दिनभर विजेता की तरह आगे बढ़ रहे थे, अचानक शाम होते होते पीछे हट रहे थे। बाउंड्री बनाई मिटाई जाती है। कभी नक्शे पर रणनीतियां बनाई जाती हैं, तो कभी उबड़ खाबड़ रास्तों पर टैंक दौड़ाए जाते हैं। हड्डी को कंपकंपाती ठंड में जहाँ रतजगा करना होता है, वहीं आत्मा तक को झुलसाती गर्मी में दिनभर यूनीफॉर्म पहने और कंधे पर बंदूक रखे चौकसी करनी पड़ती है।