मुझे वहाँ का माहौल बहुत अच्छा लग रहा था। सबसे मिल कर तथा स्कूल का भली भांति मुआयना करने के बाद मैं घर के लिए चल दिया। कार चलाते हुए पहली बार मैं व्योम के भविष्य को लेकर आशान्वित था। अब हमारा बच्चा भी जीवन में आगे बढ़ेगा। भले ही वह दूसरे बच्चों की तरह ना हो। सीखने में कुछ समय लगाए। लेकिन धीमी गति से ही सही वह सीखने की तरफ अपना कदम बढ़ाएगा।