छलावा

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जज साहब, ना तो जूली मुझे धोखा देती, ना मैं चोर बनता और ना ही नई नई लड़कियों से मित्रता करता, बस मैं वही सीधा सादा लड़का रहता जिसे उसके माँ बाप बहुत प्यार करते थे और वही सब सच था, बाकी सब तो छलावा है जिसके पीछे मैं दौड़ता रहा।