पुरस्कार

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अगले दिन शशांक का पाँचवी कक्षा की आन्तिम परीक्षा का परिणाम आने वाला था । प्रेमा ऐसे घबराई हुई थी मानो उसका अपना परिणाम आने वाला हो । इस बार प्रेमा ने मेहनत भी खूब की थी । ट्यूटर लगाने के अतिरिक्त वह स्वयं भी शशांक को पढ़ाती रही थी । रिजल्ट लेने के लिये वह शशांक के साथ स्कूल गयी थी । शशांक की क्लास टीचर ने शशांक का नाम पुकारा । प्रेमा धड़कते दिल से शशांक के साथ आगे बढ़ी । प्रेमा को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ जब क्लास टीचर मिस ने कहा ,”बधाई हो