स्वाभिमान - लघुकथा - 39

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आज रिटायर हो गया सुगन्धा अरे! कैसे-क्यों ? तबियत तो ठीक है न ! अभी आपकी नौकरी के तो चार महीने बाकी हैं नहीं रे ! 'प्यार' से रिटायर हुआ हूँ आप भी! इस बुढ़ापे में भी प्यार की सूझ रही! अब तो नाती-पोतों से प्यार करने के दिन आ गए हैं। पत्नी लजाते हुए बोली।