बेईमान - परवेज़ इक़बाल की लघु कथाएं

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भय भूख और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर चुनाव लड़ रही पार्टी के मुखिया वातानुकूलित मंच से भाषण झाड़ रहे थे और चिलमिलाती धुप में पसीना पोंछते हुवे सोच में डूबा था की काली वर्दीधारी दर्जन भर सुरक्षाकर्मियों से घिरे बुलेटप्रूफ कांच के पीछे खड़े इन नेताजी के आने पर इनके पट्ठों और पुलिस प्रशासन ने हफ्ता भर से किस तरह शहर को सर पर उठा रखा था...भाषण स्थल के आस पास सायकिल रिक्शा चला कर अपना पेट पलने वाले उस जैसे दर्जनों परिवार तो सुरक्षा के नाम पर रिक्शा चलाने पर लगी पाबंदी के चलते भूकों मरने की कगार पर आ गये थे ...