यमराज और मेरा सपना

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मेरा नाम विरुद्ध सेन है मेरी मृत्यु हो चुकी है आपके मन में उठ रहा होगा की ये मुझे कैसे पता? तो मै आपको बता दू की मै अब एक आत्मा हूँ जो अपनी लाश को घूर रहा है। मेरी लाश बिलकुल पीली पढ़ चुकी नाक में रुई लगाई हुई चारो तरफ लोग सफ़ेद कपडे पहने खड़े है। मेरी माँ मेरी लाश के पास बैठी रो रही है और मेरे पिता मेहमानो के पास बैठे है उनकी आँखों में आँशु नहीं है लेकिन अंदर से वह शायद मेरी माँ से भी ज्यादा रो रहे है लेकिन उन्हें पता है की