भूतहा पुल

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  शंकरपुर गाँव में एक घर में शादी का माहौल था |शादी का दूसरा दिन था शाम हो चुकी थी |दुल्हन की बिदाई की रस्म पूरी हो चुकी थी,सभी की आँखे नम हो गईं थीं! सभी मेहमान रात का खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में चले गए |बरसात का मौसम था आसमान में बादल छाए हुए थे और थोड़ी देर बाद बरसात भी प्रारंभ हो चुकी थी |बारिस कई घंटों तक चली |रात को 2बजे के समय सब शांति से सो रहे थे कि एक कमरे में मोबाइल फोन बज उठा सभी मेहमान लगभग जाग चुके थे |"हेलो,