कर्मवीर - 6

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कर्मवीर पहली बार गाँव से बाहर शहर आया था। गणेश के लिए भी यही स्थिति थी। दोनों के लिए शहर बिल्कुल ही नया था। दोनों का कॉलेज अलग अलग था। शहर भी दोनों के एक ही था इसलिए कभी कभार मुलाक़ात हो ही जाती थी। कर्मवीर को शहरी जीवन बिल्कुल भी रास नहीं आ रहा था लेकिन गणेश को शहर में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि कैसे कोई शहर की जिंदगी को बुरा कह सकता है।उसे तो यहाँ इतना ज्यादा मन लग गया कि उसने ये सोच लिया कि वो अब गाँव वापस ही नहीं जाएगा। उसके पिता भी किसी दूसरे शहर में काम करते थे और कमाकर पैसे भेजा करते थे। गाँव में उसकी माँ अकेली हो गयी थी। उसे कभी माँ की भी याद नहीं आती थी।