वर्ष - 2018 प्रोफेसर रंगनाथ अपने कमरे में पड़े एक सोफे में में सर को पीछे की तरफ झुकाए आराम कर रहे थे तभी उनके बगल में बजते हुए मोबाईल ने उनका ध्यान अपनी तरफ खींचा प्रोफेसर ने मोबाईल उठाकर देखा तो दिल्ली से उनके बेटे क्षितिज का फोन थाहेल्लो ........... प्रोफेसर ने फोन रिसीव कियापापा आप इस बार आ तो रहे हैं न वहाँ से क्षितिज की आवाज सुनाई दी प्रो. - हाँ बच्चे पूरी कोशिश कर रहा हूँ क्षितिज - कोशिश नहीं पापा इस बार आपको आना ही होगा आज 14 तारीख है आप कल सुबह निकल आइयेगा