बेगुनाह गुनेहगार 10

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सुहानी की जिंदगी में एक से बढ़ कर मुसीबते खड़ी ही है। लेकिन खुदा ने कोई न कोई उसका साथ निभाने के लिए भेज ही दिया। सुहानी की किस्मत अच्छी है या किसीकी दुआ ओ का फल है यह तो सुहानी नही जानती। इमरान के ऐसे वर्ताव ने सुहानी को लगभग तोड़ ही दिया। इमरान फोन आ  रहै है। आखिर में सुहानी ने फोन रिसीव किया। सुहानी: हेलो।इमरान: देखो मुझे माफ़ कर दो। गलती हो गई मुझसे। सुहानी: ऐसी गलती?इमरान : देखो में होश में नही था। सुहानी: अब होश आया गया?सुहानी गुस्से में है। आखिर में सुहानी मान गई। अब इमरान अपनी मर्जी से