कंगाल

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1.सुखी अँतड़ी सूखे पेट क्षुधा व्यथित कंगाल, तुम्हीं कहो सजाये कैसे वो पूजा की थाल? 2.उगता हुआ सूरज , बना सबब अंधियारे का,ये देश उल्लुओं का है तो दोष सूरज का क्या ? 3.काश ये टेक्नोलॉजी भी तूने टेस्ट कर लिया होता,खुशियों को कहीं से कॉपी पेस्ट कर लिया होता। 4.बिना बीड़ी बिना गुटका बिना बात की लड़ाई के,कभी बितते नहीं दिन ऐसे मेरी बड़की माई के। 5.कुछ अपना नसीबन कुछ सरकार की भलाई से,कमबख्त जाते नहीं जाती ये ठंडी रजाई से। 6.महीने की रोटी और चुटकी कमाई से,उठाओगे कैसे तुम नखरे भौजाई के? 7.खुदा जाने कैसी अजब तेरी