यादें

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""यादें""कुछ अधूरे ख्वाब देखे मैंने कल रात,अजीब से थे, मैंने भुला दिया था तुम्हे, तुम्ही ने कहा था की वापिस नही आना तुम्हे मेरी खुशहाल, आबाद, मुस्कराती ज़िन्दगी में तुम्ही ने तय कर लिया सब, कब आना है कब जाना है बॉस हो न तुम फैसले लेने का अधिकार तो केवल तुम्हारा ही है खैर......मैंने तुम्हें एक नाम दिया है "गुमनाम" क्योंकि तुम्हे सब से बात करना सबके सामने आना नपसन्द है कोई तुम्हारी ज़िन्दगी में तांका झांकी करे तो तुम्हे गुस्सा आता है एक और अजीब बात है तुम्हारी की तुम मेरे जीवन में अधूरी सी हो जितना जीना