शमशान में एक रात

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ठंड का दिन था। सड़क पर बहुत कम लोग थे। पंकज अपने घर की तरफ़ जा रहा था। वो अभी अभी एक हॉरर फिल्म देख कर आ रहा था। शो 12 बजे रात को ख़त्म हुआ। फिल्म बहूत डरावनी थी जिसकी वजह से पंकज उसी फिल्म के बारे मे सोचता रास्ते पर चल रहा था। पंकज रास्ते मे छोटी छोटी आवाजों से डर जा रहा था। डरे भी क्यों नहीं फिल्म ही इतनी डरावनी थी। लेकिन उसका घर अभी दूर था और सबसे बड़ी मुसीबत उसके लिये ये थी की रास्ते मे शमशान घाट भी आता था। पंकज बार बार