फ्लेट नम्बर ३०१

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फ्लैट नं. 301 यशवंत कोठारी सामान्यतया अमर रात को काफी देर से ही अपने फ्लैट में पहुँचता था। कभी-कभी तो सुबह होने के थोड़ी देर पहले ही वह घर में घुसता है और दोपहर तक सोता रहता है। आसपास के फ्लैट वाले सोए होते हैं, चौकीदार की ऊँघ को तोड़कर वह लिफ्ट के सहारे