ओ मरियम !

  • 5k
  • 976

मां जा रहीं थीं, जिन बहुत सारी चीज़ों को विरासत में छोड़ कर, उनमें से एक गैरदुनियादार व्यक्ति होने के नाते, मेरे हाथ लगी थी केवल उनकी डायरी और लकड़ी के गोल मनकों की माला। मेरे पास उनके सुनाए ढेर सारे किस्से – ख़ज़ाने थे, जिन में से कुछ किस्से मैंने फिर बुने, कहानियों में. कुछ अनबुने स्मृति में ही उधड़ गए। ऐसा ही एक किस्सा उधड़ रहा था, मां जा रही थीं!