व्हाट्सएप ग्रुप

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व्हाट्सएप ग्रुप आर0 के0 लाल उनके आंख में तो आंसू ही आ गए थे। उन्होंने कहा मुझे पता ही नहीं था कि लोग मेरा कितना ख्याल रखते हैं । ये मेरे मौसा जी थे। वे कहते सब कुछ बेटी तुम्हारे कारण संभव हुआ है। तुमने सभी को एक साथ जोड़ दिया है। हमेशा मेरी तारीफ व्हाट्सएप पर भी करते। पिछले साल जब मैं यहां आई थी तो एक सुबह नाश्ते की टेबल पर मौसा जी अखबार पढ़ते हुए कह रहे थे कि आज डॉक्टरों की फीस इतनी हो गई कि आदमी बीमारी से बाद में मरे, फीस देते देते पहले