संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि - 1

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संवेदनाओं के स्वरः एक दृष्टि (1) हे माँ वीणा वादिनी ..... हे माँ वीणा वादिनी, शत् शत् तुझे प्रणाम । हम तेरे सब भक्त हैं, जपते तेरा नाम ।। शांत सौम्य आभा लिए, मुख में है मुस्कान । गूँज रही जयगान की, चर्तु दिशा में तान ।। शुभ्र वसन धारण करें, आभा मंडल तेज । चरणों में जो झुक गये, पाते सुख की सेज ।। मणियों की माला गले, दमकाती परिवेश । आराधक जो बन गये, मिटते मद औ द्वेष ।। मधुर - मधुर वीणा बजे, पुलकित होते प्राण । अमृत के रस पान से, हो जाता कल्याण ।। ग्रंथ