हनुवा की पत्नी - 2

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उन सबके हावभाव से साफ पता चलता है कि वे नहीं चाहते कि मैं उन लोगों के पास पहुंचूं। सब कितनी फॉर्मेलिटी करते हैं। कहीं मैं उन सबको कुछ ज़्यादा ही तो परेशान नहीं करने लगी? वो सब मुझे अपनी खुशियों पर लगा ग्रहण मानते हैं। मुझे अब यह सब समझना चाहिए। अपने स्वार्थ के लिए कब तक उनके लिए ग्रहण बनी रहूंगी। वो मुझसे पीछा छुड़ाना चाहते हैं। मैं ही पीछे पड़ी रहती हूं। मगर लगता है कि अब समय आ गया है कि मैं बोल्ड स्टेप लूं। उन सब लोगों से अब हमेशा के लिए सारे रिश्ते खत्म कर लूं।