सपने और नियति

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एक मुकम्मल परिभाषा देकर सपनों को डिफाइन नहीं किया जा सकता। केाई नहीं जानता सपने क्या हैं ? कैसे बनते हैं ? क्यों बनते हैं ? सपनों की एक वास्तविकता होती है या एकदम अवास्तविक होते हैं ? नींद में दिखने वाले सपने मनुष्य की अपेक्षित—इच्छित अधूरी मंशा होती है या दिन में देखे गये बहुत सारे दृश्य नींद में सपनों की रचना करते हैं ? क्या इन सपनों में भविष्य के कुछ संकेत छिपे होते हैं ? नाइट मेयर्स (डरावने सपने) तो ऐसे होते हैं कि लोग चीख मार कर उठ जाते हैं। सोने से डरने लगते हैं कि नाइट मेयर्स सतायेंगे।