जंग-ए-जिंदगी - 12

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जंग ए जिंदगी 12 वीर डाकू रानी का डाकू सिहासन तैयार करवाने के लिए कुछ सिपाहियों को सूचना देने लगा कुछ  सिपाहियों को सामान लेने के लिए लगा दिया तो कुछ सिपाहियों ने एक अच्छी सी जगह सब कुछ ठीक करने के लिए कह दिया तभी वीर को एक विचार आया वह तुरंत ही डाकू रानी के पास पहुंचा तभी डाकू रानी राज महल के बारे में सोच रही है उसे लगता है कि अब वह अकेली रह गई है उसे अच्छा नहीं लग रहा है जैसे एक एक दिन एक 1 बरस के जैसे बिक रहा है उसे लगा