पल जो यूँ गुज़रे - 16

  • 5.1k
  • 2.1k

जाह्नवी के इन्टरव्यू की तिथि से चार दिन पूर्व की बात है। मुँह—अँधेरे निर्मल की नींद खुल गयी। कारण जाह्नवी को लगातार तीन—चार बहुत जोर की छींकें आर्इं। निर्मल ने गद्दे से उठते हुए बेड के नज़दीक जाकर पूछा — ‘क्या हुआ जाह्नवी, तबीयत ठीक नहीं है क्या?' ‘सॉरी निर्मल, तुम्हारी नींद डिस्टर्ब कर दी।' ‘सॉरी वाली कोई बात नहीं', कहने के साथ ही उसने जाह्नवी के माथे पर हाथ रखा। माथा थोड़ा—सा गर्म था। ‘तुम्हें तो बुखार लगता है?'