छज्जे छज्जे का प्यार

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मोहल्ला चौधरियान में हमारा चार मंजिला मकान बड़ी शान से खड़ा था,अभी तक इस मोहल्ले के हम ही सबसे रईस थे,लेकिन पिछले साल किसी सैफी साहब ने मकान से दो मकान छोड़ कर ज़मीन ले ली,और 5 मंज़िला खुबसुरत इमारत खड़ी कर दी। उस ईमारत में कोई फैमिली रहने आ चुकी थी,पर अभी तक हमे पता नही था ये लोग कौन हैं,और क्या हैं,खेर, रोज़ की ही तरह में और मेरा छोटा भाई छत पर पतंग उड़ा रहे थे,छोटे भाई ने कहा भाई कट गई ? मेने कहा क्या ? छोटा भाई बोला हम लोग की पतंग कट गई भाई,वो देखो सैफी