अंशकथा

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कथा 01- मिथ्या की सच्चाई आज कल के परिवेश में ये शब्द ही मिथ्या स्वरुप लगता है। सच्चाई नामक शब्द उसी प्रकार विलुप्त हो रहा है जैसे कि डायनासोर । हाँ और ये तो वैज्ञानिक रुप से प्रमाणित है कि हम जिस वस्तु का उपयोग करना कम कर देते है या उसको लम्बे समय तक उपयोग में न लाने पर वे विलुप्त हो जाती है। वैसे भी जो चीज जीवन में कठिनाई का सबब हो , उसको उपयोग ही कौन करता हैं। आज के समय में हम हर चीज सरलता और सुगमता से प्राप्त करने की घनिष्ठ इच्छा रखते है । हम