छोटे दिल वाला बड़ा आदमी

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राजेश दिल्ली में एक वकील के पास ड्राईवर की नौकरी करता था। रोज सुबह समय से साहब के पास पहुंचकर उनकी मर्सिडीज बेंज की सफाई करता और साहब जहाँ कहते ,उनको ले जाता। अपने काम में पूरी तरह ईमानदार था । क्या ठंडी , क्या बरसात , क्या धुप , क्या गर्मी। बिल्कुल सुबह आठ बजे पहुँच जाता और गाड़ी को चमका देता। राजेश की ईमानदारी और कर्मठता उसके चरित्र का हिस्सा था। इधर आठ बजे और उधर राजेश हाजिर। कई बार तो साहब भी अपनी घड़ी का टाइम राजेश के आने पर आठ सेट कर लेते थे। कई बार तो