स्वप्न

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आज हम स्वप्न के विषय पर अपने विचार रखेंगे । मेरा निवेदन है कि इसे पढ़ने के पहले आप सभी "नींद" वाला लेख जरूर पढ़ें। इससे आप मेरी बात ज्यादा अच्छे से अनुभव कर सकेगें।सपने हर इंसान देखता है । यह सभी का आधिकारिक हक हैं । या कहें कि इस हक को कोई नहीं छीन सकता है। अत: सपने तो सभी देखते हैं।अब भले ही वो पूरे हों या ना हों।क्योंकि सबके सपने अलग - अलग होते हैं ।जिस पर आज मैं अपने विचार रखुंगा।सपने दो तरह के होते हैं। एक तो जो कोई और हमें दिखता है वो