राम बिना रावण दहन

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मैं मग़रिब की नमाज़ पढ़ के बैठा ही था कि शर्मा जी का फोन आ गया। शर्मा जी हमारे साथी अध्यापक हैं सर्वोदय बाल विद्यालय में। कहने लगे क्या कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नहीं बस रूम पे पड़ा हूँ। शर्मा जी बोले मैं तो रावण दहन देखने जा रहा हूँ, मौजपुर-बाबरपुर में ही तो है रावण दहन, आपके यहाँ से बिल्कुल पास ही है, आप भी आ जाओ। मैंने क्षण भर को सोचा विद्यालय का काम तो बहुत पेंडिंग में पड़ा है लेकिन अगले ही क्षण मन में रावण दहन देखने की उत्सुकता जाग गयी। मैंने कहा ठीक