हतक

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दिन भर की थकी माँदी वो अभी अभी अपने बिस्तर पर लेटी थी और लेटते ही सो गई। म्युनिसिपल कमेटी का दारोगा सफ़ाई, जिसे वो सेठ जी के नाम से पुकारा करती थी। अभी अभी उस की हड्डियां पसलियां झिंझोड़ कर शराब के नशे में चूर, घर वापस गया था.... वो रात को यहीं पर ठहर जाता मगर उसे अपनी धर्म पत्नी का बहुत ख़याल था। जो उस से बेहद प्रेम करती थी।