मुश्किल घड़ी न देखन दई

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पंचायत का फ़ैसला आ चुका था। स्कूल की ज़मीन को पंचायत ने ख़रीद लिया। और इस ज़मीन पर मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारा बनेगा ईसाई की संख्या गॉंव में न के बराबर थीं । स्कूल की हालत बड़ी ख़स्ता थी। बच्चे गिनती के रह गए है। बाऱिश में स्कूल में पानी भर जाता है। ज़्यादातर शिक्षक की नौकरी गॉंव से 20 किलोमीटर दूर नगर निगम के स्कूल में लग गई थी। और जो 2-3 शिक्षक बच गए थे। वे भी जाना के जुगाड़ में लगे हुए थे । और अब वहाँ के स्कूल के बच्चे को उसी नगरनिगम के स्कूलों में भेजा