डोर – रिश्तों का बंधन - 10

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अगले दिन नयना और चिंटू सुबह सुबह ही पूर्वी की मोसी के घर जनकपुरी पहुंच गए। बस चाय के साथ बिस्कुट ही लिए थे दोनों ने, शनिवार को लीलाधर की छुट्टी रहती है, नयना ने तो बोला भी था ब्रेक फास्ट वह बना लेगी पर चिंटू कहने लगा, 'पूर्वी को भी साथ ले लेते हैं फिर किसी अच्छे से रेस्टोरेंट में ही कुछ खा लेंगे, चल आज तेरी पार्टी करवाता हूं, तू भी क्या याद करेगी कितना दिलदार है तेरा भाई।' पर इसकी तो नौबत ही नहीं आई पूर्वी की मोसी के घर उन दोनों की जम कर खातिरदारी हुई। चिंटू शायद पहले भी यहां आ चुका था इसलिए उसे सब जानते थे। जान तो नयना को भी गए थे जब जया मोसी ने अपनी बहन के समक्ष मां का जिक्र किया, पूर्वी की मोसी नयना के साथ भी बहुत प्रेम और अपनत्व से भरा व्यवहार कर रही थीं उनके पास भी नयना के बचपन की ढेरों बातें थीं जिन्हें सुन कर चिंटू पेट पकड़ कर हंस रहा था, पर नयना को उन मोसीजी से जुड़ी एक भी बात याद नहीं आ रही थी शायद इसीलिए वह उनके साथ उस तरह की नज़दीकी महसूस नहीं कर पा रही थी जितनी जया मोसी के साथ करती आई थी। खूब अच्छे से पेट भर नाश्ता कर वो लोग पूर्वी को साथ ले बाजार निकल गए।