प्रेम दीवानी

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पूरा सप्ताह काम करने के बाद रविवार हम नौकरीपेशा लोगों के लिए एक ठंडी हवा के झोंके की तरह आ ताजगी भर जाता है । तो मै भी आज सप्ताह भर के काम निबटा दोपहर में इत्मीनान से अपनी पसंदीदा फिल्म देख रही थी कि तभी फोन की घंटी ने ध्यान भंग किया । मैने अनमने मन से फोन उठाया तो उस पर अपनी प्यारी सखी डिम्पल का नाम देख कर मेरी आंखों में चमक आ गई ।मैं फोन रिसीव करते ही बिना कुछ सुने शुरु हो गई " हैलो डिम्पल कैसी है ।इतने सालों बाद आज तुझे मेरी याद