मुख़बिर - 21

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मुख़बिर राजनारायण बोहरे (21) कृपाराम का पुश्तैनी गांव अगले दिन मैने किस्सा सुनाना शुरू किया कि एक बार मैने अजयराम के साथ जाकर कृपाराम का पुश्तैनी गांव देखना चाहा था । हुआ ये था कि एक दिन कृपाराम ने मुझसे सिलक गिनवाई तो पता चला था कि उनके पास तीन लाख से ज्यादा रूपये नगदी रखे हैं । अपनी सुरक्षा के साथ-साथ इतने सारे रूपये भी लादे रखने और रखाते फिरने के झंझट से बचने के लिए उसने अजयराम से कहा कि वह गांव जाकर सिलक लाला को संभलवा आये । तो मैंने इच्छा प्रकट की थी कि मैं भी