विवेक और 41 मिनिट - 1

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विवेक और 41 मिनिट.......... तमिल लेखक राजेश कुमार हिन्दी अनुवादक एस. भाग्यम शर्मा संपादक रितु वर्मा अध्याय 1 दिसंबर के महीने में एक इतवार की सुबह चेन्नई में पौ- फटने का समय बहुत ही सुंदर था हल्की ठंड व कोहरे के बीच में वॉक पर जाने वाले लोग कभी नजर आते तो कभी अगले ही क्षण छिप जाते उन लोगों की आवाज हवा में सुनाई दे रहीं थी “गुड मॉर्निंग कार्तिकेयन...........” “गुड मॉर्निंग शिवप्रकाशम........” “बिजनेस कैसे चल रहा है ?” “वेरिवेल गोइंग ” “क्यों........... सभापति तुम्हारी लेटेस्ट पिक्चर सभी सेंटर्स में हाउस फुल है सुना..........?” “ये सब