मुश्किलों से कह दो, मेरा खुदा बडा है

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मुश्किलों से कह दो, मेरा खुदा बडा है प्रोफेसर वीणा तिवारी (75 वर्ष) कैंसर से ग्रस्त होने के बाद भी अपनी सकारात्मक दृष्टि, दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मबल से इस रोग से निजात पा सकी है। वे शिक्षाविद् होने के साथ ही कवियत्री भी है। साहित्य के क्षेत्र में उनका नाम बडे ही सम्मान के साथ लिया जाता है। वे धार्मिक कार्यक्रमों में बडे श्रद्धा भाव से सम्मिलित होकर सामाजिक रूप से सतत् सक्रिय रहती हैं। उनका कथन है कि अगर हम गहराई से विचार करें तो भय रोग का नही मृत्यु का होता हैं। वैसे मृत्यु एक अनिवार्य