देस बिराना - 16

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देस बिराना किस्त सोलह सारी चिंताओं में घिरा ही हुआ हूं कि एक साथ तीन चिट्ठियां आयी हैं। इस उम्मीद में एक-एक करके तीनों खत खोलता हूं कि शायद इनमें से ही किसी में कोई सुकून भरी बात लिखी हो लेकिन तीनों ही पत्रों में ऐसा कुछ भी नहीं है। पहला खत गुड्डी का है - वीर जी, आपका प्यारा सा पत्र, आपकी नन्हीं सी प्यारी सी दुल्हन के फोटोग्राफ्स और खूबसूरत तोहफे मिले। इससे पहले बंबई से भेजा आपका आखरी खत भी मिल गया था। मैं बता नहीं सकती कि मैं कितनी खुश हूं। आखिर आपको अपना घर नसीब