ज़बाने यार मन तुर्की - 2

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आम तौर पर फिल्मस्टारों को अपनी तरफ से कुछ बोलने का अभ्यास नहीं होता, क्योंकि उन्हें संवाद लेखक के लिखे संवाद बोलने के लिए दिए जाते हैं। लेकिन उस दिन पार्टी के बाद चढ़ती रात के आलम में हिंदुस्तान के फ़िल्म वर्ल्ड की दो हीरोइनें एक दूसरी से ऐसी उलझीं कि उनके दिल के तरकश से एक से एक पैने संवाद अपने आप निकलते चले गए। बबीता के भाई का जन्मदिन था। इसी उपलक्ष्य में थी पार्टी। केवल घर के लोग और चंद करीबी लोगों का जमावड़ा था। हमेशा अपने काम से काम रखने वाली बड़ी बहन साधना को न