ज़बाने यार मन तुर्की - Novels
by Prabodh Kumar Govil
in
Hindi Biography
- आप बाहर बैठिए, बच्ची को क्लास में भेज दीजिए। चिंता मत कीजिए, इतनी छोटी भी नहीं है। हैड मिस्ट्रेस ने कहा। बच्ची ने हाथ हिला कर मां को "बाय" कहा और क्लास की ओर दौड़ गई। हैड मिस्ट्रेस ...Read Moreमां से मुखातिब हुईं - आप लोग बात की गंभीरता को क्यों नहीं समझते? बताइए, बच्ची इतनी बड़ी हो गई और आपने अभी तक इसे पढ़ने ही नहीं भेजा। स्कूल क्या फ़ैशन के लिए खोल रखे हैं सरकार ने? आठ साल की होने जा रही है, क्या सीखा होगा इसने घर में बैठे - बैठे...अब पहली क्लास के बच्चों के
- आप बाहर बैठिए, बच्ची को क्लास में भेज दीजिए। चिंता मत कीजिए, इतनी छोटी भी नहीं है। हैड मिस्ट्रेस ने कहा। बच्ची ने हाथ हिला कर मां को "बाय" कहा और क्लास की ओर दौड़ गई। हैड मिस्ट्रेस ...Read Moreमां से मुखातिब हुईं - आप लोग बात की गंभीरता को क्यों नहीं समझते? बताइए, बच्ची इतनी बड़ी हो गई और आपने अभी तक इसे पढ़ने ही नहीं भेजा। स्कूल क्या फ़ैशन के लिए खोल रखे हैं सरकार ने? आठ साल की होने जा रही है, क्या सीखा होगा इसने घर में बैठे - बैठे...अब पहली क्लास के बच्चों के
आम तौर पर फिल्मस्टारों को अपनी तरफ से कुछ बोलने का अभ्यास नहीं होता, क्योंकि उन्हें संवाद लेखक के लिखे संवाद बोलने के लिए दिए जाते हैं। लेकिन उस दिन पार्टी के बाद चढ़ती रात के आलम में हिंदुस्तान ...Read Moreफ़िल्म वर्ल्ड की दो हीरोइनें एक दूसरी से ऐसी उलझीं कि उनके दिल के तरकश से एक से एक पैने संवाद अपने आप निकलते चले गए। बबीता के भाई का जन्मदिन था। इसी उपलक्ष्य में थी पार्टी। केवल घर के लोग और चंद करीबी लोगों का जमावड़ा था। हमेशा अपने काम से काम रखने वाली बड़ी बहन साधना को न
एक बार एक महिला पत्रकार को किसी कारण से मीना कुमारी के साथ कुछ घंटे रहने का मौक़ा मिला। ढेरों बातें हुईं। पत्रकार महिला ने बातों बातों में मीना कुमारी से पूछा - आजकल आने वाली नई पीढ़ी की ...Read Moreमें से किसे देख कर आपको ऐसा लगता है कि ये लड़की भविष्य में आपकी जगह लेने की क्षमता रखती है? मीना कुमारी ने एक पल की भी देर लगाए बिना कहा कि मुझे साधना ऐसी ही लगती है। पत्रकार को घोर आश्चर्य हुआ। उसे लगता था कि मीना कुमारी वहीदा रहमान, नंदा, माला सिन्हा में से कोई नाम लेंगी।