प्रेम की विदाई

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कहानी - प्रेम की विदाईब्हील चेयर को आगे बढ़ाते हुये सुप्रिया ने दीपक से कहा- " दीपक, एक बात कहूं?""हाँ कहो ना," दीपक सुनने के लिए उत्साहित हो गया और उसने अपने पैरों पर पड़ी चादर को ठीक करते हुये, अपने चेहरे को थोड़ा पीछे की तरफ मोड़ लिया।"मैं सोच रही थी, अब हम शादी कर लें" सुप्रिया ने गंभीरता से कहा। उसने दीपक के चेहरे का मुआयना किया और पाया वह एकदम शांत निरुत्तर सा हो गया था।"कुछ बोले नहीं तुम ? क्या मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती?""तुम जानती हो ऐसा नहीं है और यह भी जानती हो यह