डॉ सतीश राज पुष्करणा जी की लघुकथाओं पर मेरा अभ्यास - 2

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अभ्यास क्रम 2जनरेशन गैप अपने पुत्र अरुण को डॉक्टर बनाने के लिए राधे ने रिक्शा चलाते-चलाते जवानी में ही बुढ़ापे को न्योता दे दिया था | क्योंकि उसकी स्वर्गीय पत्नी की हार्दिक इच्छा थी कि बड़ा होकर अरुण डॉक्टर बने, ताकि अरुण की तरह अन्य बच्चे मातृहीन न हों|राधे का पसीना रंग लाया| समय आने पर अरुण डॉक्टर बन गया | उसकी शादी भी कर दी गयी | अरुण की पत्नी ने आते ही इच्छा जाहिर की कि इस घर को छोड़कर किसी सुन्दर बंगले में चलें| इससे पर्सनालिटी में भी अंतर पड़ता है | अरुण ने भी सहमती दे दी