गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा

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गीदड़ और धुनकी की लोक-कथा एक जंगल में एक बड़ा ही चालाक और दबंग गीदड़ रहता था। जंगल के सभी गीदड़ उससे डरते थे , इसलिए सारे जंगल में वह निर्भय होकर घूमता था। अपनी चालाकी का उसे बड़ा घमंड था। एक दिन गीदड़ मदमस्त होकर झूमता हुआ शिकार की तलाश में निकला। चलते-चलते वह काफी दूर किसी दूसरे जंगल में निकल गया। उस जंगल की भौगोलिक परिस्थिति के बारे में वह बिल्कुल अनभिज्ञ था। वह एक ऐसे स्थान पर पहुंच गया, जहां नील बनाने का काम होता था। वहां नील बनाने के लिए कुंड बने हुए थे, जिनमें नील