भदूकड़ा - 28

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’सिर दर्द ठीक हुआ दादी? आखिर कितनी देर तक चम्पी करूं मैं?’ चन्ना की आवाज़ से सुमित्रा जी फिर वापस लौट आई थीं. मुस्कुरा के बोलीं- ’अब तो हवा हो गया सिरदर्द. जाओ तुम बढ़िया सी ड्राइंग बनाओ तितली की, फिर हमें दिखाओ. अच्छी बनेगी तो इनाम मिलेगा.’ ’इनाम...... यानी चॉकलेट? बड़ी वाली? है न दादी?’ सुमित्रा जी ने हां में सिर हिलाते हुए चन्ना के सिर पर चपत लगायी और खुद टीवी में ध्यान लगाने की कोशिश करने लगीं. ये हिन्दुस्तानी सीरियल भी न...... इतनी साजिशें भरी पड़ीं हैं इनमें, जैसा वास्तविक ज़िन्दगी में होता ही नहीं..... मन ही