विश्वास - भाग-२

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एक रात मैं खाना खाकर अभी अपने कमरे में आया ही था कि मेरे फ़ोन की घंटी बज उठी | मैंने काँपते हांथो से फ़ोन उठाया और देखा तो वह मीनू का ही फ़ोन था | उसने बताया कि वह इस समय ऑफिस से घर जा रही है | मैं उससे कुछ पूछ पाता इससे पहले ही वह बोली अभी मैं कुछ ज्यादा बात तो नहीं कर पाउंगी बस मैं तुम्हें यह बताना चाहती थी कि कल मेरी छुट्टी है | अगर तुम भी कल छुट्टी करो तो हम मिल सकते हैं | मैं मिलकर ही तुम्हें कुछ बताना चाहती