बिखरते सपने - 9

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बिखरते सपने (9) ‘‘हाँ अंकल, आपको याद होगा, एक दिन आपने खुद ही कहा था कि स्नेहा दीदी मुझसे भी अच्छा बैडमिन्टन खेलती हैं, अगर पापा मान जायें तो स्नेहा दीदी आराम से इस टूर्नामेंट की महिला चैम्पियन बन सकती हैं।’’ ‘‘हां कहा तो था, और स्नेहा खेलती भी अच्छा है। लेकिन हम यह बात तुम्हारे पापा को कैसे बतायेंगे, कि स्नेहा उनकी मर्जी के खिलाफ रोज तुम्हारे साथ ही बैडमिन्टन की प्रेक्टिस करती है। क्योंकि उन्होंने मुझे सख्त हिदायत दे रखी है कि मैं स्नेहा को कभी भी बैडमिन्टन ग्राउण्ड पर न आने दूं। अगर उन्हें यह पता चल