रास्ते की गुड़िया

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विजयदशमी का दिन था पूरे गांव और बाजार में चहल-पहल सा माहौल छाया हुआ था और घर को सजाने की तैयारियां चल रही थी। कि मानों प्रभु श्री रामचन्द्र जी का आगमन आज ही हो रहा हो, और हो भी क्यों ना आज के दिन श्री राम जी का धरती पर अवतरित होने का कारण जो सफल हुआ है। असत्य पर सत्य की विजय का जो डंका रावण के राज्य में बजा है वह पूरे जगत में गूंज रहा है। हम लोग भी शाम को मेले का आयोजन देखने जाने के लिए योजना बना रहे हैं। मैं यानी रमेश और