अधूरी कहानी - 8

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सना और जय रेस्टोरेंट में पहुंचते हैं । सना अभी भी जय से गुस्सा थी । जिस तरह जय ने गाड़ी में बरताव किया वह सना की सोच से बहार था। वह चुपचाप बैठे हुए खिड़की मै से लोगो को देख रही थी । सभी अपनी दुनिया में काफी व्यस्त हैं किसी के पास भी समय नहीं है कि आसपास क्या हो था है यह देखे। सना बस सोच ही रही थी कि जय उसे कहता है। जय: सना तुम्हे और कुछ ऑर्डर करना है? सना: ( सोच में से बहार आते हुए ) जी??? आपने मुझसे कुछ कहा?? जय: