चंपा पहाड़न - 6

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चंपा पहाड़न 6 मह्तू जैक्सन साहब का विश्वासपात्र बावर्ची भी था और ड्राइवर भी रात के अंधेरों में ऊबड़-खाबड़ रास्तों में से किस प्रकार गन्तव्य तक पहुँचा जा सकता है, वह बखूबी जानता था यह सब तो ठीक परन्तु वकील साहब यह समझने में अपने आपको असफल पा रहे थे कि वे उस युवती को किसके पास और कहाँ ठिकाना दिला सकेंगे ? उनका अपना परिवार तो उसे अपने यहाँ स्वीकार नहीं करेगा तब ?यह भी समस्या थी कि यदि वे जैक्सन को मना कर देते हैं तब वह गोरा क्या सोचेगा कि इस हिन्दुस्तानी को अपने देश की लड़की के प्रति इतनी भी हमदर्दी नहीं है ? बेचारे पशोपेश में