बंद तालों का बदला - 3

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पसीने से लथपथ प्रखर जैसे ही बरामदे में पहुँचा उसने देखा कि चार पाँच लोग काली-पीली शक्ल वाले लोग बरामदे में घूम रहे है, वह लड़की भी वहीं थीं । तथा पहले से भी ज्यादा डरावनी लग रही थीं । चेहरा नीला पड़ा हुआ था । उसकी तरफ़ सभी बढ़ रहे थें । ऐसे लग रहा था सब उसके शरीर के अंदर घुस जायेंगे । और वह कुछ नहीं कर पाएंगा। तभी वह ज़ोर से चीखा और वहाँ सो रहे निशा और सुदेश भी जाग गए और भागते हुए नीचे आए और तभी विपुल और विनय हँसते हुए कैमरा लेकर